मध्य प्रदेश की जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (जेएनकेवीवी) ने जई, गेहूं, चावल की नई किस्में विकसित की।
मध्य प्रदेश के जबलपुर में जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (जेएनकेवीवी) ने जई, गेहूं, चावल और नाइजर फसल की नई किस्में विकसित की हैं, जो अन्य राज्यों में भी उत्पादन के लिए उपयुक्त हैं। विश्वविद्यालय ने जई और गेहूं की दो किस्में, एक प्रकार का चावल और तीन प्रकार की नाइजर विकसित की हैं, जिन्हें केंद्र द्वारा उत्पादन के लिए उपयुक्त के रूप में अधिसूचित किया गया है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने इस संबंध में तीन जनवरी को गजट नोटिफिकेशन जारी किया था।
इन नई फसल किस्मों के बीज जल्द ही किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे फसलों का गुणवत्तापूर्ण उत्पादन सुनिश्चित होगा और अधिक आय होगी। विभिन्न राज्यों के विशिष्ट फसल उगाने वाले क्षेत्रों में विभिन्न कृषि-जलवायु परिस्थितियों में नई किस्मों का परीक्षण तीन साल की अवधि में किया गया था। इन नई फसलों में उच्च अनाज की उपज, रोगों के प्रतिरोध, अच्छी अनाज की गुणवत्ता और कम अवधि की फसल जैसे कई वांछनीय लक्षणों का संयोजन होता है।
जई की दो नई किस्मों में से, JO 05-304 महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में उत्पादन के लिए उपयुक्त है, जबकि JO 10-506 का उत्पादन ओडिशा, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र, असम और मणिपुर में किया जा सकता है। गेहूँ की नई किस्में - एमपी 1323 और एमपी 1358 और चावल जेआर 10 - मध्य प्रदेश के विशिष्ट क्षेत्रों में उगाई जा सकती हैं। नाइजर (रामटिल) की तीन किस्में - जेएनएस 521, जेएनएस 2015-9 और जेएनएस 2016-1115 - मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सिंचित और गैर-सिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं।
मध्य प्रदेश की जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (जेएनकेवीवी) ने जई, गेहूं, चावल की नई किस्में विकसि
2022-02-09 16:25:18
Admin