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#फसल विविधीकरण: एक महिला किसान की सफलता की कहानी#

#फसल विविधीकरण: एक महिला किसान की सफलता की कहानी#

परिचय:
श्रीमती संगीता वाल्मिक सांगले एक छोटी किसान हैं और उनके पास 2 हेक्टेयर जमीन है। उनका 6 सदस्यों का परिवार है। वह सत्यगांव में राजहंस कृषि विज्ञान मंडल की नेता हैं। समूह में 20 सदस्य हैं।

प्रशिक्षण और प्रेरणा:
 प्रारंभ में आत्मा, नासिक ने समूह निर्माण और प्रेरणा में मदद की। अमरूद और अनार में उन्नत तकनीक का प्रशिक्षण लेने के बाद उन्होंने आत्मा, नासिक से डेयरी फार्मिंग का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया।

नवोन्मेषी प्रौद्योगिकी, प्रथाओं को अपनाना और उपलब्धियां:
- वर्तमान में उनके फसल पैटर्न में लाल कद्दू के साथ अमरूद और सहजन के साथ अनार की खेती शामिल है।
- वह शेड नेट के नीचे प्याज, अंगूर और सब्जियां भी उगाती हैं। 
- वह ठाणे में थनपाड़ा कल्याण महादेव कॉम्प्लेक्स, संत शिरोमणि श्री सवाता माली शेतकारी अठवाडे बाजार, मुंबई और तालुका स्तर के बाजारों जैसे विभिन्न बाजारों में अपनी उपज बेचती है।
- आत्मा द्वारा डेयरी फार्मिंग ट्रेनिंग से प्रेरणा लेकर उन्होंने 4 गायें खरीदीं और मासिक आय 18,000/-. प्राप्त की।  वह  सहजन से 1.40 लाख (4 टन @ 35 रुपये/किलोग्राम) और रुपये। लाल कद्दू से 1.5 लाख (15 टन उपज)  रुपये कमा रही है।

मान्यता:
- उन्हें क्रशथॉन युवा सम्मान-2018 (इनोवेटिव वुमन फार्मर) से नवाजा जा चुका है।
- आत्मा, नासिक द्वारा उन्हें शेतकारी गुट न्योंदानी पुरस्कार मिला।
- जय किशन किसान मंच द्वारा उन्हें कृषि गौरव पुरस्कार भी मिला।