आधुनिक युग में कई तकनीकें और औजार हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन रहे हैं। ऊर्ध्वाधर खेती, हाइड्रोपोनिक्स, ग्रीनहाउस और एयरोपोनिक्स और बेहतर हाइब्रिड फसल किस्मों उसका परिणाम है । भारतीय कृषि वैज्ञानिक रूप से खेती, बागवानी, छंटनी और बाद में कटाई के क्षेत्र में नए क्षितिज - मूल्यवर्धन, विपणन प्रबंधन, कृषि सूचना प्रौद्योगिकी, किसान चर्चा, अनुबंध खेती और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से विकसित हो रही है।
भारतीय कृषि का यह नया युग डिजिटल क्रांति के साथ उभर रहा है। डिजिटल क्रांति के साथ, भारतीय कृषि को अपनी असली जगह पर लाने का एक बड़ा अवसर है। डिजिटल कृषि लेनदेन, खरीद और बिक्री में पारदर्शिता, कृषि वस्तुओं के बाजार पर किसानों का नियंत्रण, उन्नत सेंसर और डिजिटल इमेजिंग क्षमताओं का उपयोग, बड़ी मात्रा में डेटा संचय और विश्लेषण इत्यादि डिजिटल क्रांति की शुरुआत है।
किसानों ने हमेशा परिवर्तन स्वीकार कर लिया है और आज वे अधिक उन्नत तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। आधुनिक कृषि मशीनरी पर बढ़ती निर्भरता, जीपीएस उपग्रहों का आगमन, और उपग्रह आधारित सेंसर द्वारा मार्गदर्शन उनकी फसलों को विकसित करने में निश्चित रूप से सहायक होते हैं। यह डिजिटल क्रांति तीसरी हरी क्रांति हो सकती है जो भारतीय पारंपरिक कृषि के पुनरुत्थान में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
भारत में अगली कृषि क्रांति की प्रवेश
2018-07-04 15:58:07
Admin










