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जैसलमेर के खजूर फॉर्म ने बेचे 50 लाख के खजूर:भोजका गांव में 13 साल पहले लगा भारत का सबसे बड़ा खजूर फॉ

जैसलमेर के खजूर फॉर्म ने बेचे 50 लाख के खजूर:भोजका गांव में 13 साल पहले लगा भारत का सबसे बड़ा खजूर फॉर्म, हर साल 400 टन खजूर देता है। 

जैसलमेर के भोजका गांव में लगे खजूर फॉर्म हाउस ने किसानों को करीब 50 लाख के खजूर के पौधे बेचे। पूरे प्रदेश के किसानों ने इस साल इस खजूर फॉर्म हाउस से खजूर के पौधे खरीद कर अपने जिलों में लगाने के लिए ले गए हैं। प्रदेश में खजूर की खेती अब फलफूल रही है। इस खेती से किसान खजूर की पैदावार करके लाखों रुपए का मुनाफा कमाएंगे। भोजका गांव में लगे करीब 100 हेक्टेयर में फैले खजूर के फॉर्म हाउस में करीब 400 टन खजूर मिल रहा है।

भारत- इजरायल परियोजना से मिल रहा खजूर

प्रदेश में खाड़ी देशों की तरह खजूर की खेती का क्रेज बढ़ता जा रहा है। भारत-इजरायल परियोजना के तहत साल 2008 में जिले के भोजका गांव में 15 हजार खजूर के पौधों का एक फार्म तैयार किया गया। सरकार के कृषि विभाग ने गुजरात की अतुल कंपनी के सहयोग से भोजका में खजूर का खेत तैयार किया था। उस समय यहां 15 हजार 500 पौधे लगाए गए थे। 4 साल बाद फल लगना शुरू हुआ और अब रिकॉर्ड उत्पादन हो रहा है। जानकारी के अनुसार इस फार्म में सालाना 400 टन खजूर का उत्पादन होता है। ये फॉर्म हाउस करीब 100 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इसमें खजूर की 9 किस्में लगाई जाती हैं। हर साल 400 टन खजूर का उत्पादन हो रहा है। प्रदेश के किसानों में भी अब खजूर की खेती को लेकर क्रेज बढ़ गया है। यहां खजूर की मांग अब पूरे देश में बढ़ती जा रही है। प्रदेश भर के किसानों ने अब अपने खेतों में खजूर की खेती शुरू कर दी है।

50 लाख के पौधे बेचे

सेंटर ऑफ एक्सिलेन्स फॉर खजूर उद्यान के उपनिदेशक प्रताप सिंह कुशवाहा ने बताया कि हमारे यहां खजूर के पौधे तैयार करके किसानों को बेचा भी जा रहा है और किसान खजूर कि खेती को सीखकर बड़ी संख्या में खेती के लिए इन पौधों को लेकर जा रहे हैं। एक पौधे की कीमत 1500 रुपये है। हालांकि सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी दी जाती है। लेकिन खजूर के खेत में पौधे का पूरा पैसा मिलता है। इस साल भी खजूर के खेत में चार हजार पौधे लगाने का लक्ष्य है। जिस पर फार्म द्वारा 4 हजार 105 पौधे तैयार किए गए हैं। जिसमें से 3 हजार 892 पौधे भी किसानों को बेचे जा चुके हैं। खजूर की खेती से भी 50 लाख रुपये की कमाई हुई है। इसके अलावा बाकी बचे 2 हजार पौधे तैयार हैं और करीब 30 लाख के पौधे और बिकेंगे।